Pakistan nuclear radiation news

Pakistan nuclear radiation news : kirana hills strike

पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम और उसके रेडिएशन खतरे को लेकर दुनियाभर में चिंता बढ़ रही है। हाल ही में किराना हिल्स के आसपास के क्षेत्रों में खतरनाक स्तर का रेडिएशन पाया गया है। क्या यह परीक्षणों का नतीजा है? क्या किराना हिल्स स्ट्राइक के पीछे कोई बड़ा रहस्य छिपा है? इस पोस्ट में हम पाकिस्तान के परमाणु प्रयास, किराना हिल्स का महत्व और रेडिएशन की खबरों का विश्लेषण करेंगे।

पाकिस्तान ने 1974 में भारत के पहले परीक्षण “स्माइलिंग बुद्धा” के बाद अपना परमाणु कार्यक्रम शुरू किया। डॉ. अब्दुल कादिर खान, जिनको पाकिस्तानी परमाणु बम का पिता माना जाता है, ने इसे आगे बढ़ाया। 1998 में पाकिस्तान ने चगाई हिल्स में अपना पहला सफल परमाणु परीक्षण किया। लेकिन क्या आप जानते हैं कि किराना हिल्स भी इस कार्यक्रम का हिस्सा रही हैं?

किराना हिल्स पाकिस्तान के पंजाब में है। यह साहीवाल और सरगोधा के बीच एक पहाड़ी क्षेत्र है। रिपोर्टें बताती हैं कि 1980 और 1990 के दशक में पाकिस्तान ने यहां छुपकर परमाणु परीक्षण किए हैं। कुछ स्रोतों का दावा है कि भारत ने 1980 के दशक में किराना हिल्स पर हमला करने का भी प्रयास किया था, लेकिन यह योजना कभी पूरी नहीं हो पाई। अब, यह क्षेत्र रेडिएशन स्तर के कारण खतरनाक माना जा रहा है। क्या पुरानी परीक्षणों का नतीजा है यह स्थिति?

पाकिस्तान न्यूक्लियर रेडिएशन की खबरें लगातार सामने आ रही हैं। 2019 में एक रिपोर्ट में कहा गया कि आसपास के गांवों में कैंसर की घटनाएं बढ़ रही हैं। 2021 में अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने बताया कि वहां का रेडिएशन सामान्य से दस गुना अधिक है। 2023 में एक सैटेलाइट इमेज से पता चला कि किराना हिल्स की जमीन में रेडियोधर्मी तत्व पाए गए हैं। सरकार इन रिपोर्टों को खारिज करती है, लेकिन विदेशी संस्थान कहते हैं कि पाकिस्तान अपने रेडिएशन डेटा छुपा रहा है।

पाकिस्तान का वर्तमान में दुनिया का एकमात्र मुस्लिम देश परमाणु हथियार रखता है। पर क्या ये हथियार सुरक्षित हैं? आतंकवाद का खतरा भी बना रहता है। आतंकवादी इन हथियारों को हथियाने का डर है। रेडिएशन का स्तर बढ़ने से क्षेत्रीय खतरा बढ़ गया है। अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां, जैसे UN और IAEA, क्या कदम उठाएंगी?

अंत में, कहा जा सकता है कि पाकिस्तान का परमाणु प्रोग्राम अब सिर्फ उसके लिए ही नहीं, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया के लिए खतरा बन गया है। यदि सरकार ने शीघ्रता से पारदर्शिता नहीं दिखाई और रेडिएशन लीक रोकने के कदम नहीं उठाए, तो यह पूरा क्षेत्र खतरे में पड़ सकता है। पाकिस्तान को अपने परमाणु कार्यक्रम की सुरक्षा और विश्वास प्रणाली मजबूत करनी चाहिए।

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